मा0 उच्चतम न्यायालय का निर्देश, कार्यालयों के नियोजक करें आंतरिक परिवाद समिति का गठन
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By Admin
Published - 04 July 2023 111 views
रायबरेली, जयपाल वर्मा जिला प्रोबेशन अधिकारी रायबरेली ने बताया है कि मा0 उच्चतम न्यायालय ने योजित सिविल याचिका के संबंध में निर्देश पारित किया है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रख्यापित महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम, 2013 अधिनियम की धारा 4 के अनुपालन में जनपद स्तर के ऐसे प्रत्येक शासकीय, अर्द्ध शासकीय एवं अशासकीय (निजी) विभाग, संगठन, उपक्रम, स्थापन, उद्यम, संस्था, शाखा अथवा यूनिट में जहां कार्मिकों की संख्या 10 से अधिक है, ऐसे सभी कार्यालयों के नियोजकों द्वारा कार्य स्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न संबंधी शिकायतों की जांच हेतु ष्आन्तरिक परिवाद समिति (Internal Complaints Committee) का गठन किया जायेगा। यदि कोई नियोजक अपने कार्यस्थल में नियमानुसार आंतरिक समिति का गठन न किये जाने पर सिद्धदोष ठहराया जाता है, तो नियोजक पर रु० 50,000/- तक का अर्थदण्ड अधिरोपित किये जाने का प्राविधान है तथा नियोजक दूसरी बार सिद्ध दोष ठहराये जाने पर पहली दोष सिद्धि पर अधिरोपित दंड से दुगने दण्ड का दायी होगा।
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